ग्लोबल टैण्डर इन्क्वायरी से उत्पादों की खरीद को सुगम बनाने हेतू

डीओई ने 120 दवाओं को जनरल फाइनेन्सियल नियमों से छूट दी

नयी दिल्ली- केन्द्रीय वित्त मंत्रालय के अन्तर्गत ओन वाले व्यय विभाग (जीटीई) के माध्यम से 120 प्रकार की दवाओं की सरकारी खरीद को योग्य बनाने के लिए एक आदेश जारी कर 31 मार्च 2027 तक के लिए जनरल फाइनेन्सियल रूल्स (जीएफआर) में सम्बंधित नियमों से छूट प्रदान की हैं। जीएफआर नियमों से इन दवाओं की खरीद के लिए छूट देने हेतू स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा किए गए अनुरोध के अनुसरण में यह आदेश जारी किए गए हैं। जीएफ आर 2017 के निमय 161 (IV) के अनुसार 200 करोड़ रूपए तक की निविदाओं के लिए ग्लोबल टैण्डर इन्क्वायरी आमंत्रित नहीं की जा सकती। हालांकि असाधारण मामलों में, जहां मंत्रालय या विभाग को लगता है कि जीटीई जारी करने के लिए विशेष कारण हैं, वह अपना विस्तृत औचित्य दर्ज कर सकता है और सक्षम प्राधिकारी, जो सचिव (समन्वय) कैबिनेट सचिवालय है, से नियम में छूट के लिए पूर्व में अनुमोदन प्राप्त कर सकता है।
जीटीई की अनुमति देने के लिए जिन दवाओं को नियमों से छूट दी गयी उन में अन्य दवाओं के साथ इली-लिली की मधुमेह के लिए ट्रलिसिटी ब्रांडेड प्री-फिल्ड पेन, शेष द्वारा एवरिसडी ब्रांड नाम से बेची जाने वाली दवा रिस्डिप्लाम, एस्ट्रा जेनेका की गम्भीर इसीनोफिलिक अस्थमा दवा फासेनरा, ग्लैक्सों स्मिथ क्लाइन का दाद का टीका शिंग्रिक्स, जाॅनसन एण्ड जाॅनसन की रूमेटाइड गठिया की दवा सिम्पोनी तथा नोवो-नोर्डिक्स की ब्रांडेड रेजोडेग पेनफिल शामिल हैं।
डीओई के आदेश में कहा गया कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुरोधप के मद्देनजर जीएफआर-2017 के नियम 161 (IV) के तहत, इस विभाग द्वारा 15 मई 2020 ओर 28 मई 2020 के कार्यालय ज्ञापन संख्या एफ. 12/17/2019- पीपीडी के द्वारा जारी निर्देशों से, सामान्य छूट प्रदान की जाती है, जिसके तहत 31 मार्च 2027 या अगले आदेश तक एनेक्जर ए में सूचीबद्ध 120 दवाओं की खरीद के लिए जीटीई जारी किए जा सकते हैं। यहां ध्यान देने योग्य है कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय समय-समय पर कुछ दवाओं एवं चिकित्सा उपकरणों के लिए जीएफआर नियमों से छूट देने की मांग करता रहा है ताकि स्थानीय बाजार में इनकी उपलब्धता की जांच के बाद जीटीई के माध्यम से इन उत्पादों की खरीद को सुविधाजनक बनाया जा सके।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और फार्मा विभाग कई उत्पादों के लिए स्थानीय निर्माताओं की पहचान करने के लिए प्रयास कर रहे हैं ताकि केन्द्र सरकार की खरीद एजेन्सियां जैसे तेल रेल मंत्रालय और कर्मचारी राज्य बीमा निगम ;ईएसआईसीद्ध जीएफआर की शर्तों के अनुसार इन दवाओं तथा चिकित्सा उपकरणों की खरीद के लिए स्थानीय निर्माताओं का विवरण शामिल कर सकें। इस उद्देश्य के लिए खरीद एजेन्सियों से इन दवाओं और चिकित्सा उपकरणों की सूची भी संकलित की जाती है। अप्रैल 2023 में व्यय विभाग ने एक ज्ञापन जारी किया जिसमें 364 चिकित्सा उपकरणों तथा 70 दवाओं को स्थानीय निर्माताओं से खरीद के लिए अनिवार्यता से छूट दी गयी और बाद में दिसम्बर 2023 में इस सूची में 15 और दवाएं जोड़ी गयी। इन दवाओं और चिकित्सा उपकरणों को 31 मार्च 2024 तक प्रासंगिक जीएफआर नियम से छूट दी गयी। उल्लेखित है कि फार्मा विभाग ने 30 दिसम्बर 2020 को सार्वजनिक खरीद ओदश (पीपीओ) 2017 को प्रावधानों को लागू करने के लिए एक दिशा-निर्देश जारी किया है जिसका उद्देश्य मेक इन इंण्डिया को प्रोत्साहित करना और भारत में फार्मास्यिूटिकल क्षेत्र से सम्बंधित वस्तुओं और सेवाओं के विनिर्माण और उत्पादन को बढावा देना है ताकि आय तथा रोजगार को बढाया जा सके।