नशीली दवाओं का बड़ा खेल, पेमेन्ट पहले व ऑर्डर बड़ा हो कम्पनियों बनाकर भेजने को तैयार
श्रीगंगानगर- राजस्थान के मुख्यतः दो जिले, परन्तु अब तीन क्योंकि श्रीगंगानगर के तहत आते अनूपगढ को जिला बनाया गया है, हनुमानगढ़ व श्रीगंगानगर में पिछले दो साल में पुलिस तथा बीएसएफ द्वारा 700 करोड़ रूपए मूल्य से ज्यादा का नशा पकड़ा गया है। 2100 से अधिक तस्कर गिरफ्तार हो चुके हैं। पुलिस तथा औषधि नियंत्रण विभाग भी तीन साल में 15 लाख से ज्यादा नशीली गोलियां जब्त कर चुके हैं परन्तु इसके बावजूद कस्बों गांवों में नशा चोरी-छिपे बिक रहा है।
प्रिन्ट मीडियाकर्मियों ने जब इनकी आपूर्ति के सम्बन्ध में जांच पड़ताल की तो चौंकाने वाली जानकारी सामने आयी। प्रेगबालिन-150 एवं 300 एमजी की टेबलेट/कैप्सूल की बिक्री पर इन दोनों जिलांे में प्रतिबन्ध है। बद्दी (हिमाचल प्रदेश) जो कि दवा निर्माण क्षेत्र में एक हब के रूप में जाना जाता है, वहां कम्पनियां इन दवाओं को न केवल बनाने के लिए तैयार है बल्कि आपके दिए पते पर भेजने को तैयार हैं। मीडियाकर्मी ने बद्दी व चण्डीगढ में कई दवा कम्पनियांे के प्रतिनिधियों, दलालों तथा थोक विक्रेताआंे से मिल कर प्रेगबालिन-300 एमजी का सौदा किया। सभी यह टेबलेट बना कर देने को तैयार थे। 10 टेबलेट का स्ट्रिप 20 से 30 रूपए से बना देंगे परन्तु शर्त है कि कम से कम 500 बॉक्स बनवाने होंगे। यानि थोड़ा मोटा खेल खेलना होगा। होलसेलर्स का कहना
था कि आप तो पता दीजिए प्रेगबालिन-300 एमजी भिजवा देंगे लेकिन बॉक्स कम से कम 50 लेने होंगे। दिल्ली के होलसेलर्स टेपेन्टाडोल देने को भी तैयार हो गए। इस तत्व की टेबलेट की भी नशेड़ियों में जबरदस्त मांग है। हैरानी की बात है कि यह सब ड्रग लाइसेंस के बिना यह दवाएं देने को तैयार हो गए।
बद्दी ;हिमाचल प्रदेशद्ध में फार्मा कम्पनियों के लगभग 700 प्लांट हैं। यहां बहुत से दवा प्लांट आवासीय क्षेत्रों ;घरोंद्ध में संचालित हो रहे हैं। इन प्लांट्स में बड़ी फार्मा कम्पनियों को थर्ड पार्टी मैन्यूफैक्चरिंग के नाम पर दवाएं बना कर दी जाती हैं और इसी की आड़ में अनेक प्लांट्स में एच-1 श्रेणी की नशीली दवाएं भी बनायी जाती हैं। दलाल/कम्पनी प्रतिनिधि इन्हीं प्लांट मालिकों के सम्पर्क में रहते हैं व दवा के ऑर्डर इन्हें देते हैं। कम्पनियां पैसा कमाने के चक्कर में बिना ड्रग लाइसेंस तथा जीएसटी के बिना ही न केवल ऐसी दवाएं बनाने को तैयार हो जाती हैं बल्कि आपके बताए पते पर सीधे भेज देती हैं।
हनुमानगढ़ के सहायक औषधि नियंत्रक अशोक मितल का कहना है कि नशे में दुरूपयोग होने वाली 13 दवाओं की बिक्री में अनियमितताओं के चलते हमने पिछले डेढ वर्ष में 32 फर्मों के लाइसेंस निलम्बित तथा 20 से अधिक लाइसेंस निरस्त किए हैं।